लेखनी कहानी -14-Nov-2022# यादों के झरोखों से # मेरी यादों की सखी डायरी के साथ
हैलो सखी ।
कैसी हो।तुम मेरी यादों की डायरी हो ।जिसे मै सखी कहकर सम्बोधित करूंगी।बात 2 फरवरी 2022 की है।
मुझे याद आ रहा है कुछ?
ये मेरा पहला प्रयास है तुमसे यूं खुलकर बात करने का।
मै बहुत अंतर्मुखी हूं ।मेरे साथ बहुत कुछ घटित हुआ है पर सब बाते बताई नही जाती हर किसी को।
सो तुम से कह रही हूं। उस दिन मन बैचेन था मायके से पता चला है कि मम्मी ,भाभी, भाई ,भतीजे सभी करोना से ग्रस्त हो गये थे।।इस बीमारी ने कही का नही छोड़ा।पिछले साल कितनी जवान मौतें हुईं है ।दो तीन तो मेरे आसपास ही हुई है मेरे ताऊजी का जवान पौता महज़ 35 साल की उम्र में चल बसा।
मेरी एक कालेज की सहेली का तो घर ही तबाह हो गया ।कुछ दिन पहले तो उसका बेटा खत्म हुआ था अब की बार करोना से पति की भी मृत्यु हो गई।बेचारी कही की भी ना रही ।उसका दुःख सोचती हूं तो मन बेचैन हो जाता है।
पर शुक्र है ये ओमिकरोन इतना ख़तरनाक नही है धीरे धीरे रिकवरी हो गई भाई भाभी भतीजों की।बस मम्मी का स्वास्थ्य थोड़ा ढीला रहा। भगवान ने उनको भी जल्द ठीक कर दिया।
बेटियों की दुआएं रंग लाती ही है।
घर मे तैयारियां हो रही थी शादी मे जाने की ।अब किस की शादी थी ये कल बताऊंगी सखी।
अब चलती हूं सखी। अलविदा।
Khan
29-Nov-2022 05:31 PM
Very nice 👌🌺
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Palak chopra
15-Nov-2022 12:46 PM
Behtreen 🙏
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Mohammed urooj khan
15-Nov-2022 01:25 AM
सुन्दर शुरुआत 👌
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